कराधान कानून (संशोधन) विधेयक, 2021
क्यों है चर्चा में:- हाल ही में भारत सरकार ने लोकसभा में कराधान कानून (संशोधन) विधेयक, 2021 पेश किया, जो भारतीय संपत्ति के अप्रत्यक्ष हस्तांतरण पर कर लगाने हेतु वर्ष 2012 के पूर्वव्यापी कानून का उपयोग करके की गई कर मांगों को वापस लेने का प्रयास करता है। सरकार ने कराधान के अपने संप्रभु अधिकार को स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया है। मुख्य बिंदु संप्रभुता: राजनीतिक सिद्धांत के आधार पर संप्रभुता की परिभाषा, राज्य की निर्णय लेने की प्रक्रिया और व्यवस्था के रखरखाव में अंतिम पर्यवेक्षक या अधिकार है। फ्राँसीसी संप्रभुता के माध्यम से उत्पन्न, इस शब्द को मूल रूप से सर्वोच्च शक्ति के बराबर समझा गया था। संवैधानिक संप्रभुता का तात्पर्य है कि संविधान संप्रभु और सर्वोच्च है। भारत में कराधान का संप्रभु अधिकार: भारत में संविधान सरकार को व्यक्तियों और संगठनों पर कर लगाने का अधिकार देता है, लेकिन यह स्पष्ट करता है कि कानून के अधिकार के अलावा किसी को भी कर लगाने या चार्ज करने का अधिकार नहीं है। किसी भी कर को विधायिका या संसद द्वारा पारित कानून (अनुच्छेद 265) द्वारा समर्थित होना चाहिये। भारत में कर